जी हां यह बिलकुल ही सच है की हम वर्तमान में नहीं भूतकाल में जी रहे हैं। ऐसा हम नहीं, ऐसा हमारा भौतिकी सिद्धान्त कहता है। यहाँ तक की आपके बगल में आपका दोस्त बैठा हुआ है उसकी कही हुयी बात, या जो कुच्छ भी आप देख रहे हैं वो सब एक पास्ट है, वर्तमान सिर्फ आप हैं। आपको यकीन नहीं हुआ न लेकिन ये सच्च है। इस रहस्य को वैज्ञानिको ने तो बहुत पहले ही सुलझा लिए हैं। पर आपने इसपे कभी ध्यान नहीं दिया है। ये दुनिया इतनी बड़ी है कि हमारे सोच से भी परे है और ये बात हम जितना ही जानते जायेंगे हम उतना ही पास्ट में जाते जायेंगे। बताते हैं कि हम सब पास्ट में कैसे जी रहे हैं।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि प्रकाश का स्पीड 3 लाख km/s है, और हमारी आँखे बिना प्रकाश के देख नहीं सकती है । मतलब हमारा देखने का स्पीड भी प्रकाश की गति जितना तेज है। जितना स्पीड से प्रकाश हमारी आँखों तक पहुचती है उतना ही स्पीड से हम भी देख पाते है। जैसे की सूर्य के प्रकाश के एक बिंदु पृथ्वी पे पहुँचने में 8 मिनट 22 सेकंड लगाते हैं लगभग तो इसका मतलब ये हुआ की अब से जो सूर्य को हम देख रहे हैं वो 8 मिनट 22 सेकेंड पुराना हैं। वैसे ही हम चाँद को देखते हैं तो 1.3 सेकंड पुराना होता है। इस तरह से हम जितना ही पास की वस्तु को देखते हैं उतना ही कम समय का पुराण होता है। लेकिन पुराना जरूर होता है।
जैसे हमारा नजदीकी सितारा Alpha Centaur है जो की हमसे 4.37 प्रकाश वर्ष दूर है। मतलब हम चाहे जिस टेलिस्कोप से भी देखे वो हमें 4.37 वर्ष पुराना वाला ही दिखेगा। मतलब मान लेते हैं कि आज उस सितारा पे एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ तो वो हमें आज दिखाई नहीं देगा वो हमें 4.37 वर्ष बाद दिखेगा। मैंने कहा था न की ये दुनिया आपकी सोच से भी बड़ी है, अब हम जितना दूर जाते जायेंगे उतना ही पास्ट में होते जायेंगे। जैसे की हमारा नजदीकी अकाशगंगा Andromeda Galaxy (M31) है जो की 25000 हजार प्रकाश वर्ष दूर है हमारे सौरमंडल से। मतलब अब आप समझ गए होने की वाहा आज क्या स्थिति होगी। दोस्तों आज जो हम देख रहे है वो आज से 25000 वर्ष पुराणी तस्वीर हमारी टेलिस्कोप पे दिखेगी। सोचिये हम कितने पास्ट में हैं। जीतनी ज्यादा दूर की सोचेंगे उतना ज्यादा पास्ट में पहुँच जाएंगे। हम हमेसा से ही पास्ट में देखते ए हैं, वर्तमान सिर्फ आपका अस्तित्व है।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि प्रकाश का स्पीड 3 लाख km/s है, और हमारी आँखे बिना प्रकाश के देख नहीं सकती है । मतलब हमारा देखने का स्पीड भी प्रकाश की गति जितना तेज है। जितना स्पीड से प्रकाश हमारी आँखों तक पहुचती है उतना ही स्पीड से हम भी देख पाते है। जैसे की सूर्य के प्रकाश के एक बिंदु पृथ्वी पे पहुँचने में 8 मिनट 22 सेकंड लगाते हैं लगभग तो इसका मतलब ये हुआ की अब से जो सूर्य को हम देख रहे हैं वो 8 मिनट 22 सेकेंड पुराना हैं। वैसे ही हम चाँद को देखते हैं तो 1.3 सेकंड पुराना होता है। इस तरह से हम जितना ही पास की वस्तु को देखते हैं उतना ही कम समय का पुराण होता है। लेकिन पुराना जरूर होता है।
जैसे हमारा नजदीकी सितारा Alpha Centaur है जो की हमसे 4.37 प्रकाश वर्ष दूर है। मतलब हम चाहे जिस टेलिस्कोप से भी देखे वो हमें 4.37 वर्ष पुराना वाला ही दिखेगा। मतलब मान लेते हैं कि आज उस सितारा पे एक बहुत बड़ा विस्फोट हुआ तो वो हमें आज दिखाई नहीं देगा वो हमें 4.37 वर्ष बाद दिखेगा। मैंने कहा था न की ये दुनिया आपकी सोच से भी बड़ी है, अब हम जितना दूर जाते जायेंगे उतना ही पास्ट में होते जायेंगे। जैसे की हमारा नजदीकी अकाशगंगा Andromeda Galaxy (M31) है जो की 25000 हजार प्रकाश वर्ष दूर है हमारे सौरमंडल से। मतलब अब आप समझ गए होने की वाहा आज क्या स्थिति होगी। दोस्तों आज जो हम देख रहे है वो आज से 25000 वर्ष पुराणी तस्वीर हमारी टेलिस्कोप पे दिखेगी। सोचिये हम कितने पास्ट में हैं। जीतनी ज्यादा दूर की सोचेंगे उतना ज्यादा पास्ट में पहुँच जाएंगे। हम हमेसा से ही पास्ट में देखते ए हैं, वर्तमान सिर्फ आपका अस्तित्व है।
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