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Friday 29 November 2019

जानिए क्या होता है जब दो ब्लैक होल आपस में टकराते हैं!


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अंतरिक्ष रहस्यों से भरा हुआ है इनमें सबसे बड़ा रहस्य है ब्लैक होल। ब्लैक होल के अंदर क्या छुपा है, क्या होता है इसकी ज्यादा जानकारी नही मिल पाती है। इसकी गुरुत्वाकर्षण इतनी ज्यादा है कि यहां से प्रकाश भी वापस नहीं लौट पता है, जिससे इसे ढूंढा पाना भी मुश्किल होता है। जब भी कोई बड़ा तारे मरता है तो वह भयानक विस्फोट के साथ ब्लैक होल अथवा डार्क मैटर में तब्दील हो जाता है। इसके अंदर इतना ज्यादा गुरुत्वाकर्षण होता है कि वह सिकुड़कर छोटे गेंद जैसा बन जाता है। फिर यह अपने नजदीक आने वाले ग्रहों, सितारों और आकाशीय पिंडो को निकलना शुरु कर देता है। जितना ज्यादा इसके अंदर आकाशीय पिण्ड जाते है उतना ही इसका गुरुत्वबल बढ़ता जाता है। कुछ ब्लैक होल बिग बैंग के समय ही बने थे जो बेहद प्राचीन हैं। वहीं आकाशगंगा के मध्य भी एक विशाल ब्लैक होल होता है जो कई सितारों और आकाशीय पिंड से घिरा हुआ है। एक आकाशगंगा में कई ब्लैक होल हो सकते हैं। पृथ्वी का सबसे नजदीकी ब्लैक होल 1600 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है।

दो तरह से पता लगाया जाता है ब्लैक होल को

ब्लैक होल प्रकाश को भी अपने अंदर से बाहर नही आने देता है जिससे इसे ढूंढना मुश्किल होता है। इसे दो तरीको से पता लगाया जाता है। पहला तरीका है उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण। वैज्ञानिक अंतरिक्ष मे एक खाली स्थान के आसपास सितारे की परिक्रमा से जान पाते हैं की यहां घने द्रव्यमान वाला ब्लैक होल मौजूद है। उदाहरण के लिए, आकाशगंगा के केंद्र में, हम एक खाली स्थान देखते हैं जहां सभी सितारें आसपास घूम रहे हैं जो कि वे वास्तव में घने द्रव्यमान की परिक्रमा कर रहे हैं।
दूसरा तरीका है ब्लैक होल के अंदर गिरने वाले पदार्थ से। जब ब्लैक होल के अंदर कोई भी बड़ी चीज गिरती है तो इसके चारों ओर एक डिस्क में बन जाता है जो बहुत गर्म हो सकता है। गिरने से मुक्त कुछ ऊर्जा प्रकाश में बदल जाती है, जिसे हम देख सकते हैं एक्स-रे में।

दो ब्लैक होल का टकराना



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जब दो ब्लैक होल एक दूसरे के नजदीक आतें हैं तो टकराते से पहले बहुत तेज घूमने लगते हैं। तथा वे टकराने के बाद अंतरिक्ष में लहरें छोड़ती हैं, यानी ग्रैविटेशनल वेब्स। टकराने वाले दो ब्लैक होल से निकलने वाली ऊर्जा उन सभी स्टार से निकलने वाली ऊर्जा से दस गुना ज्यादा होती है जिसे अंतरिक्ष में देखा जा सकता है। दो ब्लैक होल का मिलना भले ही काफी उथल पुथल वाला है लेकिन यह एक अहम तरीका है और वे काफी बड़े हो सकते हैं। अतबक के मिला सबसे बड़ा ब्लैक होल सूर्य के मास से 10 बिलियन गुना बड़ा है। आज वैज्ञानिकों को पता चल रहा है कि जब ब्लैक होल्स इतने बड़े हो जाते हैं तो इस से भी अजीब बातें होती हैं।


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बहुत बड़े ब्लैक होल्स अंतरिक्ष के सबसे अजीब और सबसे ज्यादा शक्तिशाली मैटर में से एक हैं। आइंस्टाइन के थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी का अल्टीमेट प्रिडिक्शन, वे सूरज से लाखों-करोड़ों गुना ज्यादा बड़े हो सकते हैं। और जब वे इतने बड़े होते हैं तो इतनी ज्यादा ऊर्जा का उत्पादन करते हैं कि वे बड़े जेट्स छोड़ते हैं। क्योंकि ब्लैक होल्स ठीक से खाना नहीं जानते और वे अंदर लिया हुआ काफी मटेरियल बाहर फेंक देते हैं। इसके अंदर से निकलने वाले जेट्स 10 से 10000 प्रकाश वर्ष दूर तक जा सकते हैं।
ये ब्लैक होल प्लाज्मा के लिए शानदार जेट्स छोड़ते हैं, जो लगभग प्रकाश की गति से बाहर निकलते हैं। ये लगभग 1 ट्रिटियम-ट्रिटियम एटॉमिक बम्स पर सेकेंड जितनी एनर्जी है जो उनके आसपास के क्षेत्र में छोड़ देती है। वैसे तो ये पावरफुल जेट्स अपनी अजीब संरचना के साथ गलैक्सि के मध्य में होते हैं।


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जब एनर्जी का जेट्स ब्लैक होल से बाहर आता है तो वह गैस को अपने रास्ते से दूर धकेलता है। एक कॉस्मिक स्नो फ्लावर की तरह यह ठण्डा मॉलिक्यूलर गैस जमा करता है। जब यह गैसे जम जाती हैं तो तारे बनते हैं। इस तरह ब्लैक होल जेट्स नए तारे बनने में मदद करता है।

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