Breaking

Monday 20 March 2017

सौरमंडल के सबसे नजदीक सुपरनोवा विस्फोट हबल ने ली अनोखी तस्वीर।

तीन दसक पहले खगोलविदों ने एक बहुत ही चमकीला तारा को देखा था जो लगभग हमारे सौरमंडल से 400 प्रकाशवर्ष की दुरी पर था। 23 फरवरी 1987 को अपनी खोज के बाद इसने अपनी ओर सभी वैज्ञानिको को आकर्षित किया। इस टैटनिक सुपरनोवा को नाम दिया SN 1988 A । पहली बार देखे जाने बाद से इसने खगोलविदों को अपनी शानदार प्रकाश शो के कारण आकर्षित किया। पास के बड़े बड़े मैगलिक बादल में स्थित यह सैकड़ो प्रकाश वर्ष की दुरी में यह सबसे नजदीकी सुपरनोवा विस्फोट है। जिससे अभी तक में खगोलविदों को एक स्टार की मौत से पहले , मरने के दौरान और मरने के बाद चरणों का अध्ययन करने का सुनहरा मौका मिला है।

SN 1987 A की 30 वीं वर्षगांठ के मौके पर आई एन एएफ- ओस्वर्टोरियो स्ट्रोनॉमिक डी पलेर्मोर, इटली में सल्वाटोर आयरलैंडो के नेतृत्व में नई तस्वीरे, टाइम लूप्स फिल्मे जारी किये जा रहे हैं। 1990 से हबल ने बार नर SN 1987 या को देखा है तब से इसकी तस्वीरो को जमा करते आ रहा है। हबल के अध्ययनों से आयात चलता है कि सुपरनोवा के आसपास घने गैस के बादलों का एक गोल छल्ला है जो ऑप्टिकल प्रकाश में चमक रहा है। इस तारे का विस्फोट आज से 20000 साल पहले हुआ था। विस्फोट में पैरावैगानी किरण की एक फ़्लैश ने इसके छल्ले के सक्रिय गैस में चमक पैदा कर दी तब से यह आज तक चमक रहा है। हबल तस्वीर में दिखाई देने वाली केंद्रीय संरचना लगभग पूरे आधे प्रकाश वर्ष में फैली है। इसके केंद्र में मलबे लगभग 20 मिलियन प्रति घंटे की रफ़्तार से फैल रही है। 1999 से 2013 तक के चंद्र आकड़ो में एक्सरे उत्सर्जन के छल्ले दिखाई गई है जो लगातार फ़ैल रही है।

2013 से सितंबर 2015 तक के एक्सरे अवलोकन में जबरजस्त बदलाव देखे गए हैं। इसके छल्ले के निचले हिस्से में बाये हिस्से को फीका करना सुरु हो गया है। इन परिवर्तनों से साबुत मिलते हैं कि विस्फोट की लहर काम घने गैस वाले छल्ले से परे चली गयी है। यह SN 1987 A के लिए एक युग के अंत का प्रतिनिधि करता है।
2012 के सुरु में खगोलविदों ने सुपेरमार्को के चमकदार अवशेषों का निरिक्षण करने के लिए ALMA का इस्तेमाल किया और अध्ययन किया शेषवर्ग वास्तव में मरे हुए अपने पूर्वज तारो के बनाये गए नए तत्वों से बड़ी मात्रा में नई धूल पैदा कर रहा है। इस धूल का एक हिस्सा अंतरराज्य अंतरिक्ष में अपना रास्ता बना देगा और भविष्य के सितारों और ग्रहों का एक और सिस्टम में ब्लैको बन सकता है।
खगोलविद अभी भी एक ब्लैक होल या न्युट्रान तारे के विस्फोट किये गए सबूत की तलाश में हैं। लेकिन अभी तक कोई भी दूरबीन किसी भी सबूत का खुलासा नहीं किया है।

No comments:

Post a Comment