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Wednesday 10 May 2017

ऐसा व्यक्ति जो समय यात्रा करके लौटा है, इसने भविष्य मे ऐसी सुंदर और विकसित दुनियां देखी।

एक अजीब सी बीमारी से पीड़ित होने के कारण पॉल एक साल तक कोमा में रहा। उसने दावा किया कि वह इस एक साल के दौरान मे भविष्य के एक आदमी का जिंदगी जी कर लौटा है। उस समय लोगों को लगा कि यह पॉल की बीमारी की वजह से एक भ्रम है, लेकिन उस घटना ने पॉल की जिंदगी को पूरी तरह से बदल कर रख दिया।
Image: Gizmodo

यह घटना लगभग 20वीं सदी की है, मध्य यूरोप में रहने वाला पॉल एमडीएस डीएनच (Paul Amadeus Dienach) पेशे से एक प्रोफ़ेसर था, जो एक दिमाग की बीमारी 'एंटीफॉस्फॉलीपिड सिंड्रोम' (Antiphospholipid Syndrome) से गुजर रहा था। सन 1921 तक आते-आते बीमारी बढ़ने से हालात और भी ज्यादा खराब हो गए और पॉल कोमा में चला गया। पूरे एक साल तक पॉल का इलाज जनेवा के एक हॉस्पिटल में चला, जहां वह पूरे एक साल तक कोमा में रहा। एक साल तक कोमा में रहने के बाद जब पॉल को होश आया तो उसने कुछ ऐसा कहा जिस पर यकीन करना नामुमकिन था। पॉल ने बताया कोमा के दौरान उसकी आत्मा एक अलग ही समय में चला गया था। पॉल डिनेक के अनुभव के अनुसार कोमा में उसने जो कुछ अनुभव किया वह कुछ इस तरह से था। कोमा में गहरी नींद लेने की बजाए पॉल का अंतर्मन भविष्य के किसी दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर गया। पॉल के अनुसार उस समय सन 3906 इसवी था और उसका अंतर्मन (आत्मा) एक भौतकी वैज्ञानिक 'एंड्रीस नॉर्थम' के शरीर मे प्रवेश कर गया था। समय के दोनों छोरों पर ही पॉल और एंड्रीस को बेहद ही अजीब घटना का अनुभव हुये। जिस वक्त पॉल कोमा मे गया ठीक उसी समय के सम्मानतार भविष्य मे एंड्रीस को एक गंभीर दुर्घटना का सामना करना पड़ा, जिसमे उसने मौत को बेहद करीब से देखा। पॉल के अनुसार जब एंड्रीस को होश आया तो वह कुच्छ अलग ही भाषा बोल रहा था, जो उस वक्त के हिसाब से दुनियां में बहुत कम अस्त्तिव में थी। सबसे अजीब बात तो तब हुई जब वह अपने परिवार के किसी भी सदस्य को पहचान नहीं पाया, इसके साथ ही वह अपनी लाख कोशिशों के बावजूद भी सो पाने में असमर्थ था। जिसकी वजह से वह एक लंबे समय तक जागा ही रहा। यानी कि पॉल की अंतर्मन ने एंड्रीस की अंतर्मन में जगह ले ली थी, जिसकी वजह से एंड्रीस सबकुछ भूल चुका था। सन 3906 मे एंड्रीस के अजीब व्यवहार से वहाँ के लोगों को पता चला की एंड्रीस के शरीर मे 20 वी. सदी के किसी व्यक्ति का आत्मा निवास कर चुका है। तब उन्होंने एंड्रीस को बीते 2000 सालों में हुई सारी घटनाओं से परिचित करने का फैसला किया। भविष्य के लोगों ने एंड्रीस को बताया कि कैसे पिछले दो हजार सालों में धरती पर मानवों की नई प्रजाति 'होमो ऑक्सीडेंट्स' (Homo oxidants) अस्तित्व में आई। लंबे समय तक कोमा में रहने के बाद जब पॉल को होश आया तो उसे लगा कि वह भविष्य के किसी दूसरे व्यक्ति का जिंदगी जी कर लौटा है। उसे भविष्य के जिंदगी के बारे में साफ-साफ बातें याद थी। पॉल ने जब अपने भविष्य के जिंदगी के बारे में लोगों को बतानी चाहिए तो लोगों ने उसका मजाक बनाया, और उसे दिमागी संतुलन खराब होने तक कहा गया। बाद में पॉल ने लोगों को अपनी बात बताना बेहतर नहीं समझा। लेकिन उसने अपनी इस विचित्र अनुभव को धीरे धीरे डायरी में लिखना शुरु कर दिया। फिर पॉल सामान्य जिंदगी जीने के लिए ग्रीस आ गया, और वही के स्कूल में फ्रेंच और जर्मन सीखने की नौकरी कर ली। उसी स्कूल में पॉल का एक पसंदीदा छात्र 'जॉर्ज पपहिजिसको' हो गया। कुछ वक्त तक स्कूल में नौकरी करने के बाद दुर्भाग्य से पॉल का तबीयत फिर से बिगड़ने लगी। डॉक्टरों की सलाह से उसने अच्छी जलवायु के लिए ग्रीस को छोड़कर इटली जाने का फैसला लिया। इटली जाने से पहले पॉल ने अपनी लिखी हुई डायरी, अपने सबसे चहेते छात्र जॉर्ज को दिया, और कहा कि अपनी प्रेक्टिस के लिए इसमें लिखी जर्मन भाषा को इंग्लिश में ट्रांसलेट करता रहे। पॉल ने उसके बाद ग्रीस को छोड़ दिया, और सन 1924 में ट्यूबरक्लोसिस नामक बीमारी से पॉल की मृत्यु हो गई। लेकिन पॉल का वह छात्र अभी भी उस डायरी को जर्मन से ग्रीस भाषा मे ट्रांसलेट कर रहा था। जॉर्ज को उस किताब को ट्रांसलेट करने में पूरे 14 साल लगे। शुरुआत में जॉर्ज को लगा कि यह एक सामान्य सी उपन्यास की किताब है, जिसकी कहानी थोड़ी अजीब है। लेकिन समय के साथ जॉर्ज को यह बात समझ में आ गई की यह कोई सामान्य कहानी की किताब नहीं है, बल्कि उसके टीचर की पर्सनल डायरी है, जिसमें उसके टीचर ने अपने अजीब अनुभव के बारे में लिखा था।
Image: Cover page of Chronicles of the Future

बाद में जॉर्ज ने पॉल की उस डायरी को "कोर्निकल्स ऑफ द फ्यूचर" (Chronicles of the Future) नामक किताब के रूप में पब्लिस कराया। इस किताब में पॉल ने जो कुच्छ भी भविष्य में देखा और सुना वो सभी इस किताब में वर्णन हैं। लोगों ने उस किताब का विरोध करते हुए कहा की यह एक मनगढंत कहानी की किताब है जिसे बस एक दिलचस्प व्यख्या बता कर बेचा जा रहा है। आखिर ये सोचने वाली बात है कि अगर ऐसा होता तो पॉल ने ये किताब खुद पब्लिस क्यों नही कराई। बल्कि पॉल तो चाहता भी नही था कि यह दुनियां के सामने आये, पॉल ने जो कुच्छ भी कोमा में रहने के दौरान भविष्य के बारे में देखा और अनुभव किया उसे तो वो बस अपनी निजी डायरी मे लिखा जिसे बाद में उसके छात्र ने उसे किताब का रूप देकर जारी करवाया, और सबसे बड़ी बात की जिस समय यह किताब जारी किया गया उससे बहुत वर्ष पहले और उससे बहुत दूर पॉल की मृत्यु हो चूंकि थी। फिर भी यह पॉल की मनगढंत कहानी हो या सच्च यह बात कोई नही जानता, शायद इस राज से पर्दा भविष्य में ही खुलेगा जब पॉल की डायरी से मिलता जुलता सच लोगों के सामने आएगा।
पॉल ने अपनी समय यात्रा के दौरान जो कुच्छ भी देखा और अनुभव किया, हम उनमें से मुख्य बातों को आपको बता रहे हैं।
1. सांसारिक पेशानियों से जूझना।
सन 2000 से 2300 ई० तक मानव जाति अभी जनसंख्या, पर्यावरण, अमीरी गरीबी, बीमारियों और आपसी नफरत जैसी परेशानियों से जूझ रही होगी, आंतरिक और नैतिक विकास की जगह लोग अभी सांसारिक चीजो को पाने के लिये भागम भाग में लगे होंगे।
2. मंगल ग्रह पर बस्ती।
Image: Mars colony in Future

सन 2204 ई० में मानव मंगल ग्रह पर दो करोड़ से ज्यादा लोगों को रहने के लिए बस्ती बसा चुका होगा, लेकिन सन 2265 ई० में मंगल पर एक कुदरती आपदा होगा जिससे इस बस्तियों में रहने वाले सारे लोग मारे जायेंगे। इसके बाद मानव मंगल पर, फिर कभी बस्ती बसाने के बारे में नही सोचेंगे।
3. पूरी दुनियां के लीये एक सरकार।
Image: Global parliyament from Startrek

सन 2396 ई० सभी देशों की सहमति से पूरी दुनिया में केवल एक सरकार बनाई जाएगी, जिसे 'ग्लोबल पार्लियामेंट' कहा जाएगा। जिसकी बागडोर नेताओं और पूंजीपतियों के हाथों में ना होकर वैज्ञानिको, तकनीकी विशेषज्ञों और मानवता वादी लोगों के हाथों में होगी। पूरी दुनिया से मुद्रा व्यवस्था खत्म होकर कैशलेस हो जायेगा, और लोगों का जीवन आसान होगा। उस समय लोग अपना जीवन यापन करने के लिए कुच्छ ही वक्त यानी कुछी साल काम करेंगे। ग्लोबल पार्लियामेंट की सरकार लोगों के हितो के लिये छोटे देशों को आगे ले जाने में और सभी के लिए एक अधिकार की व्यवस्था लागू जोर देगी, लेकिन अलग-अलग देशों की सरकारें अपने फायदे के लिए ग्लोबल पार्लियामेंट का विरोध करेंगे। अधिकारों की लड़ाई 5 सदी तक और चलेगी, और फिर सर्वाधिकार-वाद लागू हो जायेगी जिसमे सभी को एक जैसे अधिकार होंगे। हालांकि तकनीकी तौर पर अब भी असमानता देखने को मिलेगी, लोग नैतिक तौर पर अब भी कमजोर और धीमे होंगे, दुनिया भर यह हालत 3300 ई० तक रहेगी।
4. स्वर्णिम युग।
Image: Golden time in future

सन 3300 ई० से 3906 ई० तक मानव जाति का स्वर्णिम युग आ चुका होगा। इस अवधि के दौरान मानव के हर जरूरत की वस्तु मुफ्त उपलब्ध होगी, जैसे घर, खाना, परिवहन और दवाइयां आदि। किसी की अपनी कोई निजी संपत्ति नही होगी, सभी एक बराबर होंगे। लोग अपनी सफलता को महंगी चीजो और उच्च पदों से तुलना नही करेंगे, बल्कि मानवता, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक ज्ञान को सबसे बढ़कर माना जायेगा। लोग अपने पूरे जीवनकाल मे केवल दो ही साल साल काम करेंगे वो भी 17 से 19 साल की उम्र मे। धरती की जनसंख्या 1 अरब से भी कम होगी और बेहतर जीवन जीने के लिए सभी साधन सभी के पास भारी मात्रा में होंगे। समाज को चलाने के लिए केवल कुच्छ ही कानून शेष होंगे और पूरी दुनियां में अपराध न के बराबर होगा।

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