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Friday 19 May 2017

इस सितारे के पास विकसित एलियन ग्रह होने के संकेत मिलें हैं, जिनकी ऊर्जा की खपत अत्यधिक है।

पिछले साल खगोलविदों ने एक 'एलियन मेगा स्ट्रक्चर' के बारे में पता होने का दावा किया था, जो हमारे ग्रह से बहुत दूर स्थित एक तारा के चारों ओर परिक्रमा कर रहा है। अब, एक वैज्ञानिक ने सुझाव दिया है कि इस एलियन मेगास्ट्रक्चर को जानना अपेक्षाकृत आसान हो सकता है, अगर विशेषज्ञ सही स्थान पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो। उनका कहना है कि खगोलविदों को इस तारे के पास 64 पल्सर धब्बे पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो कि एक विदेशी मेगास्टक्चर की मेजबानी करने का सबसे अच्छा मौका प्रदान कर रहा है।
Image: Tabby star

2015 में, खगोलविदों ने तब्बी नामक एक तारा देखा, जिसमे रहस्यमय रूप से उसके प्रकाश मे अंतर देखा गया जो कभी उज्ज्वल और कभी मंद होकर चमक रहा था। उसके इस व्यवहार के कारण कई सिद्धांतों का सुझाव दिया गया था, जिसमें एक विशेषज्ञ ने यह सुझाव दिया था कि यह 'विंकिंग' एक एलियन द्वारा बनाये गए किसी बड़ी मशीन (मेगस्ट्रक्चर) के घूर्णन के कारण हो सकता है, जिसे डायसन के क्षेत्र कहते हैं।
Image: Tabby star in universe

अब ट्रिबिलि, जॉर्जिया के फ्री यूनिवर्सिटी के एक खगोलविद इस दावे का समर्थन कर रहे हैं, उनके अनुसार मौजूदा तकनीक के साथ इस रहस्य को सुलझाना आसान होना चाहिये। वहीं प्रोफेसर ज़ाजा ओसमानोव ने कहा कि विदेशी मेगास्ट्रक्चर्स 'गोलाकार गोले' की बजाय पतले डिस्क की तरह है जो इस तारे की परिक्रमा कर रहा है। यदि उनका सिद्धांत सही है, तो यह एक डायसन के क्षेत्र मे होना चाहिये जो की यह तारा 'रहने योग्य क्षेत्र' में मौजूद होने की सम्भावना है। दूसरी तरफ प्रोफेसर ओस्मानोव का तर्क है कि यदि यह तारा निवास क्षेत्र में मौजूद है, तो अवरक्त (Infrared) दूरबीनों का उपयोग करना आसान होना चाहिए। लेकिन प्रोफेसर ओस्मानोव ने चेतावनी दी है कि हमें विदेशी मेगास्ट्रक्चर से नहीं मिलना चाहिए, यह अत्यंत शक्तिशाली हो सकते हैं।
Image: alien megastructures

शोधकर्ताओं का मानना है कि यह बड़ी सी मशीन एलियन ग्रह के ऊर्जा को पूर्ति करने के लिए सोलर पैनल इस तारा के चारों ओर लगाए गए हैं, जो लगातार इस की कक्षा में परिक्रमा कर रहे हैं। अगर ऐसा है तो यह एलियन सभ्यता बेहद विकसित सभ्यता हो सकती है जिनकी ऊर्जा की खपत भी बेहद अधिक होगी। या शायद यह ग्रह बेहद प्राचीन होगी जो समय के साथ उनके तारे की उर्जा में कमी आ गई होगी। अगर यह ग्रह बेहद प्राचीन है तो जाहिर सी बात है कि उस ग्रह की सभ्यता भी काफी प्राचीन होगी जो समय के साथ बेहद विकसित किए होंगे और वे अपने मौजूदा तकनीक में हमसे बहुत आगे होंगे। फिलहाल शोधकर्ताओं ने उस तारे की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया है, और शायद जल्द ही इस बात का पता चल जाएगा कि वह चीज क्या है जो इस तारा के प्रकाश में उतार-चढ़ाव ला रहा है।

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