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Monday 29 May 2017

दुनियाँ मे प्रलय आने की भविष्यवाणी करने वाली सभ्यता का अंत ऐसे हो गया था



पृथ्वी लगभग 454 करोड़ साल पुरानी है, विज्ञान की दृष्टि से मानव लगभग 2,60,000 वर्षों से यहां रहता आ रहा है। पहले इंसान जंगलों में रहते थे, फिर समय के साथ धीरे-धीरे ये घर बनाना, जानवरों का शिकार करना और कुछ जानवरों को पालना भी सीखा । समय के साथ इंसानों ने अपनी सभ्यता भी विकसित करनी शुरु की इनमें सबसे पुरानी सभ्यताएं हैं मोसोपोटामिया की सभ्यता, सिंधु घाटी सभ्यता, माया सभ्यता, मिस्त्र की सभ्यता आदि।
Image: 2012 के अनुसार दुनियाँ मे प्रलय कुछ इस तरह से होते, जो नही हुया। 2012 नाम से हॉलीवुड सिनेमा मे इस पर फ़िल्म भी बनी थी।

ये सभी प्राचीन सभ्यताएं मानव के विकास में अमूल्य योगदान दिए हैं, जो अपने आप में एक खोज का विषय आज भी बने हुए हैं। प्राचीन सभ्यताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुआ था माया सभ्यता, जब इसके कैलेंडर के अनुसार लोगों ने यह सोचा था कि 2012 में पूरी दुनिया का अंत सुनिश्चित है।
यह अमेरिका का सबसे प्राचीन सभ्यता है जो ग्वाटेमाला, मेक्सिको, पच्छमी हुन्दुरास, ईआई साल्वाडोर तथा बेलीज़ तक फैली हुई थी। यह सभ्यता मैक्सिको की एक महत्वपूर्ण सभ्यता है, जिसका आरंभ लगभग 1500 ईसा पूर्व में हुआ था। यह सभ्यता 300 से लेकर 900 ईसा के बीच में अपनी चरम उन्नति के दौर में रही, इसका केंद्र ग्वाटेमाला, हुन्दुरास एवं अल्प सिलवट रोड में थे। हालांकि, माया सभ्यता का अंत 16 वीं शताब्दी में हुआ था किंतु इसका आरंभ 11वीं शताब्दी में ही हो चुका था।
Image: ग्रेट ब्लू होल (Great Blue Hols)

आखिर माया सभ्यता का अंत कैसे हुआ इस पर से पर्दा उठाने की कोशिश में शोधकर्ताओं आज भी लगे हुए हैं, इस बारे में हाल ही में एक और नई रिसर्च सामने आई जो कहा गया है कि माया सभ्यता का अंत 100 से ज्यादा वर्षों तक सूखा पड़ने के कारण हुआ। इसके लिए शोधकर्ताओं ने मरीन लाइन ब्रिज के लोकप्रिय ब्लू होल और इसके आस पास पाए जाने वाले नमूनों से लिए गए खनिजों का विश्लेषण किया और उन्होंने पाया कि 800 से 900 साल ईशा के मध्य भयंकर सूखा पड़ा था, जो माया सभ्यता के अंत का प्रमुख कारण बना। ग्रेट ब्लू होल अमेरिका के कैरेबियन सी बेलीज़ शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर लाइट हाउस के पास स्थित है, यह 300 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है जो एक बड़ी होल है।
माया सभ्यता के लोग कला, गणित, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष और लेखन आदि क्षेत्र में अधिक निपुण थे, इसे कलात्मक विकास का स्वर्ण युग कहा जाता है। इस दौरान खेती और शहर का विकास हुआ वैसे तो माया सभ्यता के लोगों में कई खासियतें थी, पर माया सभ्यता के लोगों को की सबसे बड़ी खासियत थी उनकी खगोलीय ज्ञान।
Image: खगोल विज्ञान मे बेहद उन्नत थे वे उस समय मे।

उन्होंने विभिन्न घटनाओं, धार्मिक त्योहारों और चिन्हों से संबंधित बातों का रिकॉर्ड रखने के लिए उन्होंने एक कैलेंडर का निर्माण किया, जो माया सभ्यता की गणना और पंचांग माया कैलेंडर में लिखा गया। इसके अनुसार उनका 1 साल 290 दिनों का होता था, माया सभ्यता के लोगों की मान्यता थी कि जब कैलेंडर की तारीखें खत्म हो जाएगी तब पूरी दुनिया पर प्रलय आ जाएगा और एक नए युग की शुरुआत होगी। 21 दिसंबर 2012 मे पूरी दुनिया में प्रलय आने की भविष्यवाणी इसी कैलेंडर के अनुसार की गई थी, लेकिन यह पूरी तरह गलत साबित हुई। प्राचीन माया सभ्यता इतनी विकसित थी कि आज भी उनके अनुसार की खगोल और गणित का विकास किया जाता है।

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