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Tuesday 28 March 2017

दुनियाँ से अंजान, रामायण काल के सबूत आज भी मौजूद हैं, यहाँ देखे।

रामायण काल को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। हालांकि इसे आस्था का नाम दिया जाता है, लेकिन नासा द्वारा समुद्र में खोजा गया रामसेतु ऐसे लोगों की मान्यता को और मजबूत करता है। वेद विज्ञानं मंडल, पुणे के डा० वर्तक जी ने वालमिकी रामायण में वर्णित ग्रहों नक्षत्रों की स्थति(astronomical calculations) तथा उन्ही ग्रहों नक्षत्रों की वर्तमान स्थति पर गहन शोध कर रामायण काल को लगभग 7323 ईसा पूर्व अर्थात आज से लगभग 9336 वर्ष पूर्व का बताया है ।
1. सुग्रीव की गुफा ।

बाली से युद्ध के पश्चात डर के कारण सुग्रीव जिस गुफा में ठहरे थे वह गुफा आज भी मोजूद है, कई वैज्ञानिको ने कार्बन डेटिंगके आधार पर यह पता लगाया है कि यह गुफा प्राचीन है | यह ऋष्यमूक पर्वत पर स्थित थी। ऐसी मान्यता है कि दक्षिण भारत में प्राचीन विजयनगर साम्राज्य के विरुपाक्ष मंदिर से कुछ ही दूर पर स्थित एक पर्वत को ऋष्यमूक कहा जाता था और यही रामायण काल का ऋष्यमूक है। मंदिर के निकट सूर्य और सुग्रीव आदि की मूर्तियां स्थापित हैं।
2. राम सेतु ।

राम सेतु ये रामायण के पुरातत्वों में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और नासा ने भी इसके बारे में कई सबूत भारत सरकार को दिए है जिससे यह पता चलता है कि यह सेतु मानव निर्मित है | यह मानव निर्मित है और वैज्ञानिक तत्व के आधार पर इसे रामायण जितना ही प्राचीन माना गया है | कई इतिहासिक दस्तावेजो में भी इस बात का उल्लेख है कि प्राचीन काल में लोग पैदल ही इस सेतु से चलते हुए श्रीलंका तक जाते थे परन्तु समय बीतने के साथ यह महान मानव निर्मित अदभूत सेतु समुद्री जल में समा गयी |
3. रावण के चार हवाई अड्डे।

श्रीलंका की रामायण अनुसंधान कमेटी ने इस ओर जांच की और रामायणकालीन रावण के चार हवाई अड्डे ढूँढने का दावा किया | यह कमेटी लगभग नौ साल से पूरे श्रीलंका का कोना-कोना छान रही है जिसके कारण कई चौकानें वाली जानकारियां प्राप्त हुई है, इस कमेटी के अध्यक्ष अशोक कैंथ के मुताबिक रामायण में जो श्री-लंका कही गई है वह आज की वर्तमान श्रीलंका ही है | इन्होने रावण के 4 हवाई अड्डे खोजे हैं जिनके नाम है : “उसानगोडा”, “गुरुलोपोथा”, “तोतूपोलाकंदा” और “वरियापोला”
4. अशोक वाटिका ।
श्रीलंका की रामायण अनुसंधान कमेटी ने श्रीलंका में स्थित अशोक वाटिका को भी ढूंढ निकाला है, जिधर माता सीता का हरण करने के पश्चात् उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था |संस्था के मुताबिक एलिया पर्वतीय क्षेत्र की गुफा में माता सीता को रखा गया था जिसमे सीता माता के नाम से एक मंदिर भी है |
5. रावण का महल ।

संस्था के मुताबिक उन्होंने लंकापति रावण का महल भी ढूंढ निकाला है जिसके अवशेष आज भी मौजूद है | संस्था के अनुसार यह वही महल है जिससे महा-पराक्रमी भगवान हनुमान ने जलाया दिया था और जब संस्था ने इस शहर के प्राचीन होने की जाँच की तो उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि यह जगह वास्तव में उनकी सोच से कही पुराना है |

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