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Friday 14 April 2017

अबतक का पहला वायरलेस कमरा, इसमे जाते ही आपकी सभी इलेक्ट्रॉनिक समान चार्ज होना शुरू हो जाएंगे।

हम अपने फ़ोन और लैपटॉप को चार्ज करने के लिए उसके बिजली के तारों का प्रयोग करते है, जो एक बहुत ही पेचीदा लगता है, खासकर तब अगर चार्जर खो गया है तो उसे ढूंढने में। लेकिन डिज़्नी रिसर्च ने एक ऐसा कमरा बनाया है जो पूरी तरह से वायरलेस है।

डिज़्नी रिसर्च ने " कवतिसैटिक कैथीटी " नामक विधि का इस्तेमाल कर विधुत को वायरलेस वाई-फाई के रूप में बनाने में क़ामयाबी हसिल की है। बस आपको कमरे में अपने डिवाइस को ले जाना है चार्जिंग अपने आप स्वतः शुरू हो जायेगी। इस तकनीक को विकसित करने के लिए प्रमुख शोध वैज्ञानिक एलनसन सम्पल ( Alanson Sample ) और उनकी सहयोगियों ने एल्युमिनियम के दीवार और एल्युमिनियम सीटेड से एक 16x16 का रूम तैयार किया। इसके केंद्र में उन्होंने एक तांबे का खम्भा बनाया जिसमे 15 कैपिसिटर है, जो बिजली के चार्ज को स्टोर करता है। कमरे के बाहर इन्होंने एक जनरेटर और एम्पलीफायर को रखा जो एक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल का उत्पादन करता है और तार से इस डिवाइस को जोड़ा जिसे कमरे के अंदर रखा गया था। जब उन्होंने जनरेटर का स्विच ऑन किया तो सिग्नल ड्राइव कॉइल में गया, जो कमरे के अंदर खंभे में कैपिसिटर में विधुत प्रसारित करता है। यह विधुत को छत , दीवारों, और फर्श में फैलता है। यह एक तरह का चुम्बकीय क्षेत्र बनाता है।


इस कमरे में उलेखनीय चीजों में से एक यह है कि उपयुक्त रिसीवर डिवाइस के साथ हम एक साथ कई उपकरणों को जोड़ सकते है, जैसे कि स्मार्टफ़ोन, बल्ब, फैन, ऐसी, आरसी कार ( RC car ) इत्यादि। इस प्रणाली के लिए कुच्छ चेतावनियां भी है, सबसे पहले की किसी व्यक्ति को तांबा के खंभे से 46 सेंटीमीटर के भीतर खड़ा होना सुरक्षित नही है। अभी इसमे थोड़ा और काम बाकी है, जैसे कि अगर कोई व्यक्ति गलती से इसके केंद्र में ताम्बे के खंभे के पास चला जाता है तो इसे रोकने के लिए ऑटोमैटिक शट - ऑफ स्विच। दूसरा यह है कि कमरे के अंदर बिजलि को 1900 वॉल्ट से घटाकर 100 वॉल्ट में करना, जो एक वास्तविक समय मे बिजलि की खपत को ट्रैकिंग डिवाइस शक्ति के प्रवाह को निगरानी करके और इसे सुरक्षित स्तरों के भीतर रखे।

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