Image: Nasa Rover on Mars

पिछले 3.5 वर्षों से नासा के क्यूरोसिटी रोवर द्वारा एकत्र की गई तस्वीरों से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर कभी पानी की झील हुआ करती थी जो अब वहां नहीं है। लेकिन उसके द्वारा छोड़े गए अवशेष अब भी मौजूद हैं, जिसमें ऑक्सीजन उथले और गहरे पानी के बीच अलग-अलग मात्रा मे मौजूद था। शोधकर्ताओं के मुताबिक ऐसा पृथ्वी के झीलों में भी ऑक्सीजन की मात्रायें आम होती हैं।


Image: Martin surface on Mars

यह खोज मंगल ग्रह पर जीवन की खोज करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, इससे यह बात साफ होती है कि मंगल ग्रह पर कभी जीवन हुआ करते थे। नासा ने मंगल ग्रह पर जिस झील के अवशेष को ढूंढा उसका नाम मार्टिन रखा है, और उम्मीद की जा रही है कि जिस समय यह झील यहां मौजूद होगी उस दौर में यहाँ विभिन्न प्रकार के जीवाणु भी फले-फूले होंगे। हालांकि अभी तक यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि कभी मार्टिन की सतह पर जीवन मौजूद थे फिर भी संभावनाओं का आकलन करने में इसके पर्यावरण का पुनर्गठन में महत्वपूर्ण है। नासा के शोधकर्ताओं का मानना है कि जिस समय मंगल ग्रह पर यह झील मौजूद था उस दौर में पृथ्वी पर ऑक्सीजन का उपयोग करने वाले जीवाणु अनुकूल नहीं हुआ करते थे और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया भी नहीं होती थी। शोध में यह बात मालूम चली है कि मंगल के मार्टिन झील के परतदार चट्टानों के गहरे पानी की तुलना में उथले पानी में ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती थी, जिससे एक साथ विभिन्न प्रकार के जीवन स्वरूपों को निरंतर बनाए रख सकता था। इस तरह के ऑक्सीडेंट स्तरीकरण पृथ्वी के झीलों में भी आम विशेषताएं हैं और नासा ने इसे मंगल ग्रह के इस झील में पाया है। जब यह झील अपनी अच्छी परिस्थिति मे मंगल पर मौजूद था उस समय इसके वातावरण की विविधता जीवित रहने के लिए विभिन्न प्रकार के जीवाणुओं के लिए कई अवसर प्रदान किए होंगे। सतह में दरारें और दरारों के बीच स्थित हल्के टोन वाले बेडधार से पता चलता है कि लंबे समय तक मंगल ग्रह पर जीवन निरंतर तरल में मौजूद था। चट्टानों के बीच में सिलिका रिंग की उपस्थिति दर्शाती है कि झीलों के सूखने के बाद भी सतह के नीचे अभी भी पानी निरंतर तरल अवस्था मे बह रही है, संभवत सतह के नीचे पानी में विभिन्न प्रकार के जीवाणु भी मौजूद होंगे। अगर ऐसा होता है तो मंगल ग्रह पर नासा को जल्द ही सतह के नीचे जीवन के संकेत देखने को मिल सकते हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने यह निर्धारित किया था कि मंगल की सतह के नीचे पानी अभी तरल अवस्था में मौजूद है। नासा ने मंगल पर जिस झील के अवशेष को ढूंढा है उसमे उन्होंने एक खास जीवन-युक्त वातावरण होने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिस वक्त यह झील इस ग्रह पर सतह के ऊपर मौजूद था उस दौर में यहां के वातावरण जीवन के लिए बिल्कुल उपयुक्त रहे होंगे और शायद यहां पृथ्वी पर जीवन होने से पहले ही मंगल पर जीवन मौजूद थे।