Image: Mysterious temple in india
प्राचीन भारत रहस्य, ज्ञान और संस्कृति का एक समृद्ध स्रोत रहा है। भारत की धार्मिक परंपरा सिंधु घाटी सभ्यता और अन्य गंगा संस्कृतियों के रूप में पुरानी है। भारत के प्राचीन लोग प्रतिभाशाली थे। वे अद्भुत कारीगर, इंजीनियर और आर्किटेक्ट थे। भारत में कई वैज्ञानिक नवाचार, आविष्कार और वास्तुकला के चमत्कार पैदा हुए हैं। प्राचीन भारत के पवित्र भारतीय मंदिर न केवल सुंदर थे बल्कि रहस्य रहस्यमय भी थे। भारत में कई मंदिरों की अपनी समृद्ध कहानी और छिपे हुए रहस्य थे। अगर इनकी गहराई से छानबीन किया जाए तो आपको जानकर बहुत गर्व महसूस होगा की भारत में भी ऐसे मंदिर हुआ करते थे या मौजूद हैं जो विश्व भर में अनोखे रहस्य से जुड़े हुये हैं।
- कैलासा मंदिर, एलोरा गुफा
Image: Kailasa Temple, Ellora Cave
यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जो पहाड़ के चट्टानों को काटकर पूरे मंदिर को शानदार तरीके से बनाया गया है। आज के दौर में कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है कि इस मंदिर की बनावट एकमात्र चट्टान को काटकर की गई है। इसका निर्माण शायद हजार वर्ष पहले की गई थी जो पुरातत्वविदों को उलझन में डाल कर रखा हुआ है। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि क्या इस मंदिर को कोई एलियन या किसी अलौकिक शक्ति ने इतने सफाई से बनाया था।
- लेपक्षी वीरभद्र मंदिर
Image: Lepakshi Veerabhadra Temple
लेपक्षी वीरभद्र मंदिर अपने स्तंभों के लिए प्रसिद्ध है जो जमीन को नहीं छूता है। इस मंदिर के खम्भे विशाल वजन के बावजूद भी जमीन को अनेक वर्षों से नहीं छू रहे हैं। ब्रिटिश युग के दौरान कहा जाता है की एक ब्रिटिश इंजीनियर ने इसे अपने समर्थन के रहस्य को उजागर करने की कोशिश की लेकिन असफल रहा। फर्श और स्तंभ के बीच एक पतली वस्तु जैसे की कागज या कपड़ा जैसे वस्तु को इसके आर पार ले जाया जा सकता है। कोई नहीं जानता कि क्या यह एक वास्तुशिल्प चमत्कार है या स्वाभाविक रूप से विकसित तकनीक है।
- सुगली माता मंदिर, मारवाड़, राजस्थान
Image: Sugali Mata Temple, Marwar, Rajasthan
इस मंदिर की एक रहस्यमय कहानी है। मंदिर के देवता का झुका हुआ गर्दन है जो हमेशा झुका हुआ ही रहता है। गर्दन को सीधा करने के लिए कई मूर्तिकार को लगाया गया और इसे सीधा भी किया गया। लेकिन बनने के बाद समय अनुसार देवता के मूर्ति का गर्दन बाई ओर झुकता ही चला गया। कहा जाता है कि जिन मूर्तिकारों ने इस झुकी गर्दन को सुधारने की कोशिश की वे लंबे समय तक बीमार हो गए थे। यह एक रहस्य ही बना हुआ है जिसे अब तक सुलझाया नहीं जा सका।
- श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, त्रिवेंद्रम, केरल
Image: Shree Padmanabhaswamy Temple, Trivandrum, Kerala
2015 में, यह दुनिया का सबसे अमीर मंदिर बन गया। जब इसके लगभग छह वाल्टों को खोला गया, जिसमें 22 अरब डॉलर मूल्य के स्वर्ण सिक्के (800 किलोग्राम) थे। लेकिन अब तक इसके आखिरी गुप्त दरवाजा को खोला जाना बाकी है। यह रहस्यमय दरवाजा पूरी तरह से स्टील से बना है, और उसमें एक नट या बोल्ट का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है। यह माना जाता है कि इस द्वार को केवल साधुओं द्वारा खोला जा सकता है, जिनके पास "गरुड़ मंत्र" जप करने का ज्ञान हो। पूरी दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं इसके आखरी दरवाजे के भीतर के रहस्य को जानने के लिए।
- बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु
Image: Brihadeeswara Temple, Tanjavur, Tamil Nadu
तंजावुर, तमिलनाडु में यह बड़ा मंदिर जो 1010 ई० में बनाया गया था। गोल सर्वोच्च संरचना (द कुंबम) एक ही ग्रेनाइट की चट्टान से बनाई गई है और मंदिर के ऊपर 80 मीट्रिक टन वजन की गुबंद रखी हुई है। रहस्य यह है कि कैसे यह एक पत्थर शीर्ष पर रखा गया था जो लगभग 216 फीट ऊंचा है और वह भी 1000 वर्ष पहले। जबकि उस समय कोई आधुनिक उपकरण उपलब्ध नहीं था।
- निधिवन - रंग महल मंदिर (वृंदावन)
Image: Nidhivan – Rang Mahal Temple, Vrindavan
मंदिर के भीतर और इसके आसपास के गतिविधियां इसे रहस्यमय बना देती है। यह मंदिर भगवान कृष्ण का है जो वृन्दावन घने जंगल में स्थित है, जहां पेड़ों की खोखली छाल और सूखी है, लेकिन मंदिर के आसपास के पेड़ पूरे वर्ष हरे रहते हैं। यहां कोई भी पेड़ सीधा खड़ा नहीं है बल्कि उनकी शाखाएं जमीन की ओर झुकीं हुई हैं। जब इस मंदिर को शाम के प्रार्थना के बाद बंद कर दिया जाता है और हर सुबह इसके दरवाजे खोले जाता है, तो यह देखा जाता है कि प्रसाद वाली मिठाई आंशिक रूप से खाली है, और कपड़े भी इस्तेमाल किए हुए हैं साथ ही बिस्तर भी बिखरे हुए हैं। मान्यता यह है कि भगवान कृष्ण यहां हर रात आते हैं और कुछ समय तक विश्राम करके अपने धाम को लौट जाते हैं।
- पुरी जगन्नाथ मंदिर, पुरी, उड़ीसा
Image: Puri Jagannath Temple, Puri, Orissa
जगन्नाथ मंदिर का मुख्य गुंबद एक अद्भुत संरचना है, इसकी छाया दिन के किसी भी समय दिखाई नहीं देती है। उल्लेखनीय और रहस्यमय यह भी है कि मंदिर का मुख्य ध्वज हवा के विपरीत दिशा मे लहराता है। एक आश्चर्य करने वाली बात यह भी है कि जगन्नाथ मंदिर के ऊपर से कोई भी पंछी उड़कर नही जाती है। इसके अलावा कोई वैज्ञानिक व्यख्या नही की जा सकती है कि जब आप इसके सिंघा दरवाजा से बाहर निकलते हैं तो समुद्र के लहरों की आवाज सुन सकते हैं लेकिन जैसे ही दरवाजा के अंदर जाते हैं सुमद्र का शोरगुल सुनाई देना बंद हो जाएगा। चाहे तो इसे कोई भी जांच कर सकते हैं।
- काल गरुड़, नचियार कोइल, कुंबकोणम, टीएन
Image: Kal Garudar, Nachiyar Koil, Kumbakonam, TN
इस मंदिर का काल गरुड़ मूर्ति एक मात्र पत्थर से बना है और वजन में हल्की है। इसे चार व्यक्ति आसानी से ले जा सकते हैं, लेकिन जुलूस के दौरान जब यह निकलता है तो इसका वजन अचानक से बढ़ जाता है। और इसे उठाने के लिए लगभग 32 लोगों को अलग-अलग चरणों मे जरूरत पड़ती है। इसी प्रकार जब मंदिर में वापस आता है तो वजन धीरे-धीरे कम हो जाता है और अंत में चार व्यक्ति इसे अपने स्थान पर रख सकते हैं। अद्भुत लेकिन रहस्य!
- भगवान बालाजी, तिरुपति, आंध्र
Image: Lord Balaji, Tirupati, Andhra
विश्व-प्रसिद्ध और दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक रहस्य है। भगवान बालाजी की मूर्ति मे जो सुबह 4:30 बजे 110 डिग्री फ़ारेनहाइट का तापमान रहता है, और पूरे दिन लगभग 110 डिग्री तापमान बना रहता है। ठंडे मौसम में भी पसीना अक्सर आते रखते हैं। आठ मूर्तियां 'सेला थोरानम' पत्थरों से बनाई गई हैं इस प्रकार के पत्थर केवल तिरुपति की पहाड़ियों में ही उपलब्ध हैं और दुनिया में कहीं भी नहीं।
- ज्वाला जी मंदिर, कांगड़ा जिला, हिमाचल प्रदेश
Image: Jwala Ji Temple, Kangra District, Himachal Pradesh
इस मंदिर में एक अग्निकुंड है जो बिना किसी ईंधन और स्रोत के जल रही है। यह मंदिर एक प्रकृतिक गुफा है, जिसमे नौ अग्निकुण्ड है जो नौ दुर्गा के प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार सती माता की जीभ और कपड़े यहां गिरे थे, जो आग में थे और तब से जल रही है। आग की छोटी नीली लपटें पुराने चट्टान मे उथल-पुथल के माध्यम से आती है जहां पानी हर वक्त टपकती रहती है। यह प्राकृतिक हो सकता है लेकिन एक रहस्य है।
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