भारत लगभग 200 सालों तक अंग्रेजों के अधीन रहा, उन्होंने 1840 ई० मे लगभग पूरे देश को अपने ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अधीन में कर लिया था। अंग्रेजों के मनमानी कानून और अत्याचार इतनी ज्यादा भारतीयों पर भारी पड़ने लगी कि आखिरकार सन 1857 मे इसका विद्रोह हो गया। यह अंग्रेजों के खिलाफ भारतीयों का पहला सबसे बड़ा विद्रोह था। यह विद्रोह इतना भयानक था कि अंग्रेजी हुकूमत के पांव उखड़ने लगे थे। लेकिन कुछ गद्दारो के मिली भगत और इनका छल ने इसे असफल कर दिया। इसके बाद अंग्रेजों का हुकूमत भारत मे लगभग सौ वर्षों तक कायम रहा। बीच-बीच मे छोटे-मोटे विद्रोह होते रहें लेकिन वे इतने कारगर सिद्ध न हो सकें।
बीसवीं शताब्दी के प्रारम्भ मे सभी भारतीयों ने एकजुट होकर स्वतंत्रता के लीये पूरे जोर के साथ संघर्ष किये जिसके परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1947 ई० को पूर्ण स्वतंत्रता मिली, और इसके बाद 26 जनवरी 1950 ई० को भारत एक गणराज्य देश बना। हालांकि 14 अगस्त 1947 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधी रात को स्वतंत्रता दिवस का आगाज किये। लेकिन यह खबर जैसे ही मिली लोगों ने 15 अगस्त के सुबह ही जश्न मनाया।
200 वर्षो तक का लंबे संघर्ष के बाद भारत को आज़ादी मिली थी। पूरे भारत मे इसदिन खुशी की एक लहर सी दौड़ रही थी। लोगों का तन-मन खुशी से झूम रहा था। अब उन्हें किसी अंग्रेजों से डरने की जरूरत नही थी। सभी बेखौफ कहीं भी जा सकते थे। अपनी खुशियां, अपना त्योहार बिल्कुल आज़ादी से मना सकते थे। तो आइये चलते हैं तस्वीरों के साथ 1947 के दौर में जब भारत आज़ाद हुया तो कैसा खुशी का माहौल था।
आजादी के 11 दिन पहले, भारत के अंतिम वॉयसराय लॉर्ड माउंटबेटन भारतीय नेताओं को सत्ता हस्तांतरण की तैयारी मे।
स्वतंत्रता के बाद भारत का पहला झंडा।
आजादी के जश्न में शामिल होने राष्ट्रपति भवन से निकल रहे वॉयसराय लॉर्ड माउंटबेटन और पं. जवाहरलाल नेहरू के इंतजार में खड़े लोग।
माउंटबेटन और जवाहरलाल नेहरू लाल घोड़ा गाड़ी से जाते हुये।
माउंटबेटन जवाहरलाल नेहरू के साथ।
स्वतंत्रता दिवस के दिन हजारों लोग इंडिया गेट के पास जमा होकर आजादी का जश्न मनाते हुए।
15 अगस्त के सुबह कोलकाता का एक चौराहा पर लोगों द्वरा जश्न मनाते हुए।
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया दिनांक 15 अगस्त 1947
आजादी के कुछ दिनों बाद पं. जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस कार्यकारणी में भाग लेने जाते हुए।
आज़ादी के बाद पहला इलेक्शन।
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