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Monday 13 November 2017

क्या सच में एलियन के डर से अचानक दुनियां भर के स्पेस एजेंसियों ने चाँद पर जाना बंद कर दिया


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20 जुलाई 1969 का दिन मानव इतिहास का सबसे बड़ा दिन था। इसी दिन अपोलो11 ने ट्रान्क्विलिटैटिस नामक क्षेत्र में चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से जमीन का पहला मानव यातायात बन गया। जिसे कमांडर नील आर्मस्ट्रांग और पायलट एडविन "बज़" एल्ड्रिन द्वारा आयोजित किया गया था। सबसे पहला कदम आर्मस्ट्रांग का चांद की सतह को स्पर्श किया था। इसके बाद मिशन अपोलो 12, 14, 15, 16, 17 ने मानव यातायात को सफल बनाया, जो 11 दिसंबर 1972 तक चला। चांद पर ज्यादा से ज्यादा जाकर जानकारी को हासिल करने में अमेरिका और रूस दौड़ में शामिल थें। लेकिन फिर अचानक से चंद्रमा पर मानव को भेजना बंद कर दिया गया और सभी बड़े स्पेस एजेंसीयों ने इस पर से ध्यान हटा दिया। पर क्यों?
इंटरनेट पर कई ऐसी बातें फैली हुई है जिसमें दावा किया जाता है कि पृथ्वी का चाँद एक उन्नत सभ्यता एलियन द्वारा कब्जा कर लिया गया है और उन्होंने ने ही इंसानो को चाँद पर नही आने की चेतावनी दी है। कुछ लोगों का मानना है कि ये एलियन दूसरे सौरमंडल के हैं जो चाँद पर अपना बेस बनाया हुए हैं और लगातार पृथ्वीवासियों पर नज़र रखें हुए हैं। इतना ही नही कुछ लोगों का यहां तक मानना है कि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने समाज से इस रहस्य को छुपाने की बहुत कोशिश की है।

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कथित तौर पर कुछ रहस्यों में शामिल है चंद्रमा का अंधेरे में घिरा क्षेत्र जहां सूर्य का प्रकाश नही पहुचता है। इसलिए अंतरिक्ष एजेंसी चन्द्रमा पर नही जातें हैं क्योंकि वहां एलियन बेस है और उन्होंने ने ही इंसानों पर वहां जाने से प्रतिबंध लगा रखा है। इसलिए अब अंतरिक्ष यान चन्द्रमा पर नही जाता है क्योंकि ऐसा करने से एलियन के साथ युद्ध हो सकता है।
कई शोधकर्ताओं और एलियन रिसर्चरों के अनुसार नासा पूरी दुनियां से एक भयावह रहस्य छिपा रखी है। अवर्गीकृत दस्तावेज और अफवाहों के मुताबिक विश्वभर के स्पेस एजेंसीयों को चंद्रमा पर जाने की अनुमति नही है। कई सिद्धान्तों में दबी आवाज में बताया गया है कि चंद्रयान के दौरान नासा के अंतरिक्ष यात्रियों ने एलियंस से मुलाकात की थी जिन्होंने उन्हें चंद्रमा पर वापस नहीं आने के लिए इशारा किया था। तबसे सभी चंद्र मिशन को बंद कर दिया गया। अब तो लोगों के मन मे सवाल भी उठने शुरू हो गए हैं कि हमारी वर्तमान तकनीक से अबतक चांद पर स्थाई मानव निर्मित बेस क्यों नही बनाई है? जबकी एक स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन पृथ्वी की परिक्रमा कर सकता है तो क्या चन्द्रमा की सतह पर स्थाई बेस का निर्माण करना आसान नही होगा?

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हाल ही में चंद्रमा की सतह पर प्रोसेसेड धातुएं, ब्रास, यूरेनियम 236 और नेप्च्यूनियम 237 होने का दावा किया गया है। इन धातुओं के बारे में सबसे दिलचस्प बात यह है कि ये तत्व जो चंद्रमा की सतह पर पाया गया है जो स्वाभाविक रूप से और कही नही मिलते हैं। उदाहरण के लिए, यूरेनियम 236 रेडियोधर्मी परमाणु कचरा है और नेप्च्यूनियम 237 एक रेडियोधर्मी धातु तत्व है। कुछ बड़े यूएफओ रिसर्चर्स का मानना है कि 'एलियंस' ने अपने क्षेत्र के रूप में चंद्रमा को चिन्हित किया है और वे संसाधनों के लिए चंद्रमा की सतह पर खनन कर रहे हैं और वे यूएफओ के बेस स्टेशन के रूप में इसका उपयोग भी कर रहे हैं।

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